क्या है कॉलेजियम सिस्टम देश के उच्चतर न्यायालयों में जजों की नियुक्ति, पदोन्नति और स्थानांतरण की वर्तमान प्रणाली को कॉलेजियम सिस्टम कहा जाता है। दरअसल कॉलेजियम 5 न्यायाधीशों का समूह है जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावे सर्वोच्च न्यायालय के 4 वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल होते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में बनी वरिष्ठ जजों की यह समिति उच्चतर न्यायालयों में जजों की नियुक्ति, पदोन्नति और स्थानांतरण संबंधी फैसले लेती है और राष्ट्रपति के अनुमति के लिए भेज देती है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कॉलेजियम सिस्टम द्वारा जजों की नियुक्ति का प्रावधान संविधान में कहीं नहीं है। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) संसद ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम बनाया था। इस आयोग की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश को करनी थी। इसके अलावे सर्वोच्च न्यायालय के ही दो वरिष्ठ न्यायाधीश, केंद्रीय विधि मंत्री और दो प्रतिष्ठित व्यक्ति भी इस आयोग का हिस्सा होते। आय...
सहिष्णुता एवं प्रेम की भावना न केवल अति प्राचीन समय से ही भारतीय समाज का एक रोचक अभिलक्षण रही है, अपितु वर्तमान में भी यह एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सविस्तार स्पष्ट कीजिये। ( 250 शब्द) उत्तर: प्राचीनकाल से ही भारतीय समाज में सांस्कृतिक तथा धार्मिक विविधता तथा भिन्नताएँ विद्यमान रही हैं, किंतु इतनी विभिन्नताओं के बावजूद भारतीय समाज में प्रारंभ से ही एकता स्थापित रही है। ऐसा भारतीय समाज में सहिष्णुता एवं प्रेम की भावना के उपस्थित होने के कारण ही सम्भव हो पाया है। गौरतलब है कि अति प्राचीन काल में स्थापित वैदिक धर्म, बौद्ध एवं जैन धर्मों, विभिन्न संप्रदायों तथा प्राचीन भारतीय दर्शन में सहिष्णुता एक आवश्यक अभिलक्षण के रूप में विद्यमान रही है। प्राचीनकाल में अशोक जैसे शासकों ने भी 'सभी धर्मों में सार वृद्धि' की बात की और जनता को एक-दूसरे के धर्मों को सम्मान देने का आग्रह किया और आपस में प्रेम पूर्वक रहने की सलाह दी। मध्यकाल में भक्ति और सूफी संतों ने भी सहिष्णुता और प्रेम भाव का उपदेश दिया। यही नहीं, मुगल शासक अकबर ने भी 'सुलह-ए-कुल' की नीति का पालन किया और उसके काल ...