135 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाने वाला नया संसद भवन वर्तमान संसद भवन के पास ही बनाया गया है। यह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं। आइए जानते हैं इसकी पांच मुख्य विशेषताओं के बारे में-
1. नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का है, जो 4 मंजिला है। इसका क्षेत्रफल लगभग 65000 वर्ग मीटर है। इसमें 3 दरवाजे हैं जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। इसमें सांसदों एवं VIP के लिए अलग एंट्री होगी।
2. नई संसद के लोकसभा में 888 सीटें हैं और इसके विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। जब कभी दोनों सदनों का संयुक्त सत्र होगा तो लोकसभा हॉल में 1272 सीटें हो सकती है। जबकि राज्यसभा में 384 सीटों की क्षमता होगी।
लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मयूर की थीम पर बनाया गया है, जबकि राज्यसभा को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर बनाया गया है।
3. नई संसद भवन के बिल्डिंग में लोकसभा एवं राज्यसभा के साथ-साथ केंद्रीय लाउंज एवं संवैधानिक प्राधिकारियों के कार्यालय भी होंगे।
नई बिल्डिंग की सबसे खासियत एक संविधान हॉल है। इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके अलावा इसमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस एवं अभी तक के सभी प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें लगाई जाएंगी।
4. नया संसद भवन डिजिटल संसद की तरह होगा जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए speech-to-text में रूपांतरण की सुविधा से लैस होगा। ताकि संसद की कार्यवाही की प्रतिलिपि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में तुरंत उपलब्ध हो सके।
5.यह भवन पूरी तरीके से भूकंप रोधी होगा। नए संसद भवन की भव्यता और वैभव में बढ़ोतरी हो सके इसके लिए बिल्डिंग के अंदर एवं बाहर नागपुर से मंगाए गए लकड़ी का व्यापक उपयोग किया गया है। इसमें राजस्थान से बलुआ पत्थर एवं ग्रेनाइट, उत्तर प्रदेश के कार्पेट सिटी भदोही के कालीन का इस्तेमाल किया गया है।
इस प्रकार नए संसद भवन को अगले 100 वर्षों की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
Prashant Kumar
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